Hindi diwas poem - 14 September 2020 | hindi diwas poem -14 September 2021 | hindi diwas poem 2022 |

 Hindi diwas poem :

  " हिन्दुस्तान की शान है हिन्दी हर भारतीम का सम्मान है हिन्दी " मैं हिन्दी दिवस के उपलक्ष मै कुछ शब्द व्यक्त करने के लिए उपस्थित हुआ । हुई हूं । जैसा की आप समी जानते है कि हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष पसितंबर को देश भर मे बडे ही उत्साह के साथ मनाया जाता है । | समस्त देशवासियों के लिए मह एक गर्व की बात है क्योकि

   के लिए उपस्थित हुआ । हुई हूं । जैसा की आप सभी जानते है कि हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष पसितंबर को देश भर मे बडे ही उत्साह के साथ मनाया जाता है । समस्त देशवासिमो के लिए मह एक गर्व की बात है क्योकि इस दिन भारत की संविधान सभा ने हिन्दी को देश की आधिकारिक भाषा के रूप मे अपनाया था । हिन्दी ने हमे विश्वभर में पहचान दिलाई है । हिन्दी विश्व की प्राचीन

     समृद्ध और सरल भाषा है । महात्मा गांधी ने हिन्दी को जनमानस की भाषा कहा था । उन्होने 1918 मै आपोजित हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी को राष्ट्र माषा बनाने के लिए जोर दिमा । भारत सालो तक अंग्रेजो का गुलाम रहा । महा तक कि इसका प्रभाव भाषा पर भी पड़ा । वैसे तो हिन्दी दुनिमा की तीसरी ऐसी भाषा है जिसे लोग सबसे माविक बोलते हैं ।

       लेकिन इसके बावजूद मी हिन्दी को अपने ही देश मे हीन भावना से देखा जाता है । हमारे देश में हिन्दी बोलने वाले को पिछड़ा और अंग्रेजी में बोलने वाले को आधुनिक कहा जाता है । मैं बहुत ही दुर्भाग्म की बात है हिन्दी के कई शब्द तो चलन से ही हरते जा रहे हैं । ऐसे मे हिन्दी दिवस का मानना जरूरी है ताकि लोगो को याद

रहे कि हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है और उसका सम्मान व प्रचार - प्रसार करना हर भारतीम नागरिक का कर्तव्य हैं । आओ हम सब मिलकर इस हिन्दी दिवस पर शपथ लेते है कि हम अपनी राष्ट्रमाषा हिन्दी का सम्मान करेगें और अपने देश को आत्मनिर्मर बनारगे । अब मैं अपनी वाणी को विराम देते हुए दो शल्द भारतीम नागरिको के लिए कहना चाएगी | चाहगा 

है कि हम अपनी राष्ट्रमाषा हिन्दी का सम्मान करेगें और अपने देश को आत्मनिर्भर बनारगे । अब मैं अपनी वाणी को विराम देते हुए दो शल्द भारतीम नागरिको के लिए कहना चाएगी | चाहगा । - हिन्दी भाषा नहीं भावो की अमित्मक्ति है हर मातृभूमि पर मर मिटने की शक्ति है जम हिन्द जय भारत दात्मवाद !



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